।। गं गणपतये नमः।।

।।श्री महालक्ष्मी मातायै नमः।।

धनाकर्षण सामग्री पूजा विधी

वर्ष 2022

सामग्री

लाल/पिले फुल, हल्दी, कुमकुम, चंदन, धनाकर्षण सामग्री।

मोती शंख- इस शंख का उपयोग घर में सुख और शांति के लिए किया जाता है। मोती शंख हृदय रोग नाशक भी है। मोती शंख का प्रतिदिन पूजन करें लाभ मिलेगा।

लघु नारियल- ये नारियल आम नारियल से थोड़ा छोटा होता हैं। तंत्र-मंत्र में इसका खास महत्व है। नारियल को श्रीफल कहते हैं, यानी देवी लक्ष्मी का फल। इसकी विधी-विधान से पूजा कर लाल कपडे़ में बांधकर ऐसे स्थानपर रखना चाहिए। इससे भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

कमलगट्टा- कमलगट्टा कमल से निकलने वाला एक प्रकार का बीज है। चूंकि मां लक्ष्मी कमलपर ही विराजमान होती हैं इसलिए इस बीज को बहुत ही चमत्कारी माना जाता है। इसे घर के पूजन स्थान पर रखना चाहिए। इससे भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

कौडी- कौडी समुद्र से निकलती है। दिखने में यह बहुत साधारण होती है लेकिन इसका प्रभाव बहुत अधिक होता है। लक्ष्मीजी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं और कौडियां भी समुद्र से निकलती हैं, इसलिए इसमें धन को अपनी ओर आकर्शित करने का प्राकृतिक गुण होता है। इसे धन स्थान पर रखना षुभ होता है।

गोमती चक्र- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बाॅंधकर ऊपर चैखटपर लटका दें, और ग्राहक उसके निचे से निकले, तो निष्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।

श्रीयंत्र-यंत्र षास्त्र में श्रीयंत्र की विषेश महिमा बताई गई है। इसे यंत्रराज की उपाधि दी गई है। इस यंत्र को धन वृद्धि, धन प्राप्ति, कर्ज से संबंधित धन पाने के लिए, लोन इत्यादि प्राप्त होने के लिए तथा लाॅटरी, सट्टा आदि द्वारा धन पाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसकी स्थापना घर के पूजन कक्ष में करनी चाहिए।

कुबेर यंत्र – कुबेर देवता का यंत्र, उनकी प्रतिमा के तुल्य प्रभावशाली माना गया है। इसकी साधना दरिद्रता-निवारण में अति प्रभावशाली सिद्ध हुई है। दिपावली की रात्रि को अपने आप में अत्यंत सौभाग्यशाली माना गया है और ऐसा व्यक्ति सभी दृष्टियों में उन्नति प्राप्त करता है।
व्यापार वृद्धि यंत्र – यह यंत्र व्यापार से संबंधित ब्रह्मस्थल में प्रतिष्ठित करने से शीघ्र ही व्यापार वृद्धि एवं लाभ होता है।

शालिग्राम – शलिग्राम सात्विकता के प्रतीक हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। शालिग्राम की नित्य पूजा करने से जन्म जन्मान्तर के पाप, ताप, शाप नष्ट होते हैं।

लक्ष्मी कौडी – यह कौडी लक्ष्मी प्राप्ती के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है।

रूद्राक्ष – यह शिव प्रिय रूद्राक्ष पंच महाभूत को संतुलित करता है व वातावरण को शुद्ध व उर्जावान रखता है।

हकीक पत्थर – हकीक पत्थर लक्ष्मी का प्रतीक भी माना गया है। इसलिए कहा गया है कि, जिसके घर में हकीक होता है। वह कभी दरिद्र हो नहीं सकता।

मोती – चंद्र का मोती ऐश्वर्य के बढ़ाता है व शांती का प्रतीक है।

तांबा – यह सिक्का धन व प्रतिष्ठा को आकर्षित करता है।

लाल गुंजा – लाल गुंजा से संभावीत होनेवाल नुकसान से बचाव होता है, व काला जादु बेअसर होता है।

नागकेसर – यह एक वनस्पति है। नागकेसर धन प्राप्ति, गृह क्लेश दूर करने में उपयोग की जाती है।
स्वास्तिक – स्वास्तिक चिन्ह शुभ और लाभ में वृद्धि करनेवाला होता है।

दक्षिणावर्ती शंख: तंत्र-मंत्र में दक्षिणावर्ती षंख का विषेश महत्व है इसे घर के पूजा स्थान या तिजोरी में रखने से माता लक्ष्मी स्वतः ही इसकी ओर आकर्शित होती है और रंक को भी राजा बना देती है। ये बहुत ही चमत्कारी उपाय है।

एकाक्षी नारियल: स्थायी संपत्ति, ऐष्वर्य और पारिवारिक षांति प्राप्त होती है। जिस घर में एकाक्षी नारियल की प्रतिदिन पूजा होती है, उस घर में वास्तुदोश एवं किया कराया दुश्प्रभाव स्वतः समाप्त हो जाते हैं।

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